यह तो हमने कई बार सुना होगा कि – हर बड़े काम की शुरुआत छोटे से होती है लेकिन यह बहुत कम सुना होगा की मात्र पेंसिल बेचकर करोड़ों का बिजनेस कैसे बनाया जा सकता है.
जी हां हम बात कर रहे हैं आइकिया (IKEA) के फाउंडर इगूवार कैंपरेड की जिनको उनके पिताजी ने अच्छे नंबरों से पास होने की खुशी में गिफ्ट के तौर पर थोड़े से पैसे दिए. लेकिन उन्होंने उसे खर्च न कर अपने सपनों में इन्वेस्ट किया.
वे मात्र 6 साल की आयु में अपने पड़ोसियों को माचिस बेचा करते थे. उनका विजन था कि अच्छे प्रोडक्ट्स के द्वारा किसी तरह से लोगों की जिंदगी को आसान करा जाए.
1943 में मात्र 17 साल की आयु में उन्होंने आइकिया की स्थापना करी और अपने बिजनेस की शुरुआत मात्र पेंसिल बेचकर करी. ऐसा बताया जाता है कि उनके पेंसिल के गुणवत्ता इतनी अच्छी थी कि लोग कई बार महीना तक इंतजार करते थे कि अगर पेंसिल चाहिए तो आइकिया की ही लेंगे. बाद में उन्होंने यह गुणवत्ता अपने दूसरे प्रोडक्ट्स में भी डाली.
आज आइकिया दुनिया के पहले नंबर की फर्नीचर बनाने की कंपनी है जिन्होंने कंपैक्ट फर्नीचर और इनोवेशन के द्वारा ग्राहकों को उनके पैसे की पूरी कीमत देते हैं.
अगर हमारा उद्देश्य बड़ा हो और छोटे से शुरुआत करने को हम तैयार हो तो हमें अभूतपुर सफलता मिल सकती है.
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