28 अक्टूबर 2020 को दुनिया की 6 सबसे बड़ी कंपनियों का सम्मिलित स्टॉक प्राइस गिरने से निवेशकों को लगभग 225000 करोड का नुकसान हुआ. दूर से देखने पर यह निश्चित रूप से कंपनियों, निवेशकों और देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ा करारा झटका था.
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कोविड की वैक्सीन स्टॉक-मार्केट के लिए बुरी खबर क्यों है
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उल्लेखनीय यह है कि एप्पल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, स्पेसएक्स, फेसबुक इन सभी कंपनियों का मार्केट कैप जहां एक तरफ दुनिया में आर्थिक और सामाजिक त्राहि-त्राहि मची थी वही इन कंपनियों के स्टॉक प्राइस की कीमत दो से 3 गुना बढ़ गई थी, कहीं-कहीं तो 5 से 10 गुना भी बड़ी है. अब सोचने वाली बात यह है कि जब यह कंपनियां, इन दिनों कोई भी विशेष कार्य नहीं कर रही है, उनके कोई नए प्रोडक्ट बाहर नहीं आ रहे हैं, नए ऑपरेशंस कहीं भी नहीं शुरू करें हैं तब इतनी आर्थिक त्रासदी के बीच इन कंपनियों इस अभूतपूर्व तरीके से बढ़ना एक चिंता का विषय था.
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निवेशकों ने कोविड-19 त्रासदी के बीच इन कुछ कंपनियों को ही सबसे ज्यादा सुरक्षित माना, और दूसरी कंपनियों से पैसा निकाल कर इन कुछ ही कंपनियों में पूरा पैसा निवेश कर दिया. लेकिन जब कोविड-19 के वैक्सीन की बाजार में आने की खबर मिली और सरकार ने सभी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी तब यही निवेशक अपने पैसों को यह 6 उच्च कंपनियों में फिर से सुरक्षित नहीं समझने लगे, लेकिन इस बार इन निवेशकों ने अपना पैसा पुनः स्टॉक मार्केट में नहीं लगाया और इन कंपनियों के शेयर को अच्छे तगड़े दामों पर बेचकर कोविड-19 बाद भी भरपूर मुनाफा कमाया. जब एक निवेशक अपना पैसा स्टॉक मार्केट से निकालकर पुनः कंपनी में निवेश नहीं करता है तब ही स्टॉक मार्केट सूचकांक गिरता है.
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