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एक छोटी गलती जो बड़े बिजनेस के विनाश का भी कारण बन सकती है
हर कोई अपने कॉमपीटीटर या प्रतिस्पर्धी से डरा हुआ रहता है. अगर आप बिजनेसमैन हो या प्रोफेशनल हो या फिर कॉलेज के छात्र रहे हो – कंपटीशन हर तरफ है और आपको इसी के साथ में ही जीने की आदत डालना पड़ती है. शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आज भारत दुनिया का सबसे ज्यादा कंपटीशन वाला देश है – क्योंकि यहां एक नौकरी या फिर एक कॉलेज की सीट के लिए हजारों और कई बार लाखों प्रतियोगी लड़ रहे होते हैं. यह कहने में कोई आश्चर्य नहीं कि कोई भी अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का कंपटीशन नहीं चाहता. उनका ऐसा मानना है कि कंपटीशन की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है, अवसर सीमित होते जाते हैं, मुनाफा कम होते जाता है.
टॉम गैलीसानो अमेरिका के एक बिलिनियर उद्योगपति है उनका मानना है कि अगर आप अपने कॉमपीटीटर को बार-बार नीचा दिखाते हो या फिर उसकी प्रतिस्पर्धा को नजरअंदाज करते हो या उसके श्रेष्ठ गुणों को अपनाने के बदले उससे किनारा करने लगते हो तो आप अपने बिजनेस के लिए एक बहुत बड़ी गलती कर रहे होते हो. एक अच्छे कंपीटीटर की अनुपस्थिति में उनके स्वयं के प्रोडक्ट की गुणवत्ता गिरती जाती है, ग्राहकों से व्यवहार, भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए उसे पूरी तरह से तैयार नहीं करती हैऔर वह निश्चित रूप से एक असफल व्यवसाय का उदाहरण बनती है.
एक रिसर्च से ऐसा भी पता चला है कि जिस घर में जॉइंट फैमिली के अंदर कई बच्चे एक साथ पल रहे होते हैं उन बच्चों में से सहज ही कंपटीशन से जूझने की शक्ति आ जाती है, वह जीवन में स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार नहीं होते क्योंकि और वे अपने जीवन को एक बेहतर और एक सुलझे तरीके से जीना सीख लेते हैं जो उनके स्वास्थ्य आर्थिक समृद्धि जीवन के प्रति सकारात्मक रुझान और कई क्षेत्रों में देखने को मिलता है. उन्हें बचपन से ही सीमित साधनों अवसर, नियंत्रण और एक दूसरे के साथ रहने की प्रतिबद्धता जीवन में आगे आने वाले कई चुनौतियों से साझा करने के लिए सक्षम बनाती है.
कंपटीशन के कुछ नुकसान जरूर है – परंतु बिजनेस के लिए और कस्टमर के लिए एक स्वस्थ कंपटीशन और कॉमपीटीटर बहुत ही बड़ी उपलब्धि है. हमारे जीवन में प्रतिदिन हमें अच्छे कंपटीशन के उदाहरण माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल , होंडा और टोयोटा, मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू के बीच देखने को मिलते हैं. जिसके चलते उनका व्यवसाय 50-50 साल बाद भी प्रॉफिटेबल बना हुआ है. उनके ग्राहक संतुष्ट है और वे सामान्य मूल्यों पर एक अच्छी सर्विस और प्रोडक्ट पा रहे हैं. पर इसके विपरित, ऐसे कई उदाहरण भी है जहां अच्छे कंपीटीटर के अभाव में धीरे-धीरे कस्टमर का अहित होने लगा उन्हें ज्यादा मूल्यों पर निम्न गुणवत्ता की चीजें मिलने लगी – लेकिन समय के चलते यह बिजनेस बंद हो गए हैं क्योंकि इस व्यवसाय ने ग्राहक के भरोसे को तोड़ा.
टॉम गैलीसानो के अनुसारस्वस्थ कंपटीशन के तीन निम्नलिखित फायदे है
1. एक अच्छा कॉमपीटीटर आपके स्वयं की ब्रांड इक्विटी भी बढ़ा देता है जिससे आप आपके कस्टमर और मार्केट के अंदर एक अच्छी जगह बनाने हम कामयाब होते है. एक अच्छा कॉमपीटीटर कभी भी अपने कंपटीशन की बुराई अपने कस्टमर के सामने नहीं करते.
2. अगर आपअपने कॉमपीटीटर केहर प्रोडक्ट और सर्विस पर अच्छे तरीके से आकलन करते हो तो आप स्वयं भी स्वयं के प्रोडक्ट और सर्विस को इसमें उनके अच्छे गुणों को निहित कर सकते हो जिसके चलते आप 5 या 10 साल की उनकी मेहनत को अपने प्रोडक्ट में बड़े ही साधारण तरीके से मिला सकते हो. इसी जानकारी के चलते आप कॉमपीटीटर के प्रोडक्ट के नुकसान और फायदे के मुताबिक आप आपके प्रोडक्ट की प्राइस कस्टमर को पेश कर सकते हो.
3. कॉमपीटीटर आपको कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करती है. जिसका लाभ आपके कस्टमर को मार्केट रेवेन्यू में और आपको स्वयं का बिजनेस बढ़ाने में आपको लाभ मिलता है.